सूर्य ग्रह और ज्योतिष - सूर्य ग्रह का आपकी कुंडली पर प्रभाव

प्रथम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार प्रथम भाव में स्थित सूर्य स्पष्ट कर रहा है कि आपके परिवार में आपकी माता का झुकाओ धार्मिक कार्यों की ओर अधिक होगा। आपके अनुजों का भाग्य अत्यन्त प्रभावशाली है एवं उनके मित्रगण भी अच्छे होंगे। आपका स्वभाव भी दर्पण की तरह साफ़ होगा और उदारता से भरा हुआ भी रहेगा। आपकी संतान अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर देश भी जा सकती है। आपके पिता का स्थान आपके जीवन में सदैव आदरणीय रहा है। आपके जीवन में सत्ता से जुड़े और प्रभावशाली व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। आपका जीवनसाथी प्रतिष्ठित परिवार का सदस्य होगा। आप अपने जीवन में नैतिकतापूर्ण दृष्टिकोण को अहम मानते हैं। सूर्य की यह स्थिति आपके स्वभाव को घमंडी , विवेकहीन, एवं आक्रामक बनाएगी परन्तु साथ ही साथ आपको महत्वकांक्षी और प्रभावशाली भी बनाएगी। आर्थिक स्थिति के सुधार हेतु, पशु माध्यम बनेंगे। संतान की संख्या कम रह सकती है। आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। सिर एवं आँखों की समस्या पीड़ा देगी और साथ ही गंजापन और दुर्बलता भी समस्या उत्पन्न करेंगे। बाक़ी स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।

द्वितीय भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार द्वितीय भाव में स्थित सूर्य स्पष्ट कर रहा है कि आपके मामा एवं उनका परिवार समृद्ध जीवन का आनंद लेगा। आपकी बेटी की ससुराल की ओर से भी आप संतुष्ट रहेंगे। आपकी अन्य संतान भी समृद्ध जीवन जिएंगी। यदि आपका ईश्वर में विश्वास अडिग है तो आप एक समृद्ध जीवन का सुख उठाएंगे। इस भाव में स्थित सूर्य आपको कई प्रकार से लाभ देगा। एक ओर आप अपने कार्यों में निपुणता प्राप्त करेंगे तो वहीँ दूसरी ओर समय के साथ आत्म निर्भर बनेंगे। चित्रकला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। विभिन्न धातुओं एवं सरकारी कार्यों द्वारा धन की प्राप्ति होगी। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में कठिनाई महसूस करेंगे। स्वास्थय के संदर्भ में आप मुँह एवं चेहरे के रोगों से प्रभावित हो सकते हैं। उचित खान पान द्वारा आप अपच एवं अन्य सम्बंधित रोगों से बच सकते हैं। आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थय सम्बंधित परेशानियां हो सकती हैं।

तृतीय भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार तृतीय भाव में स्थित सूर्य स्पष्ट कर रहा है कि आपके भीतर एक विशेष उर्जा का संचार होगा जो आपको सफलता प्राप्त करने में पुर्णतः सहायक होगी। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी जिसके द्वारा आपके अनेक कार्य पूर्ण हो सकेंगे। आपके अन्दर एक कवि छुपा है। गणित अथवा विज्ञान आपको आकर्षित करेंगे। आप एक प्रतिष्ठावान व्यक्ति हैं। सूर्य की यह स्थिति आपको शिक्षण के क्षेत्र में ऊपर ले जायेगी तो वहीँ व्यवसायी व्यक्तियों को भी सफलता मिलेगी। सॉफ्टवेयर के व्यवसाय में अधिक लाभ मिलेगा। यहाँ स्थित सूर्य कोई हानि नहीं देता परन्तु अन्य ग्रहों के साथ मिलकर यह आपको चारित्रिक दोष दे सकता है। बुरी आदतें आपको घेर सकती हैं। एक ओर आपको चोरों से हानि पहुँचेगी तो दूसरी ओर आपके मामा अथवा पड़ोसियों को भी कोई पीड़ा हो सकती है। अपने कार्य क्षेत्र में भी आपको अपने अधीन कर्मचारियों से परेशानी हो सकती है।

चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य आपको आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाएगा एवं आप बचत पर अधिक ध्यान देंगे। सूर्य की यह स्थिति आपको माता पिता की सेवा से दूर करेगी अथवा उनसे आपके सम्बन्ध भी बिगड़ सकते हैं। आपके और आपके भाइयों के बीच में भी मनमुटाव उत्पन्न हो सकता है। आप स्वयं भी अनेक चिंताओं से घिरे रहेंगे। ससुरालपक्ष की ओर से भी समस्या आ सकती है। सूर्य की यह स्थिति आपको किसी विशेष विद्या का ज्ञान दिला सकती है। व्यापारिक संदर्भ में सोना चांदी से लाभ मिलेगा और यात्रा भी लाभप्रद रहेगी। किसी भी बुरी आदत को अपने ऊपर हावी न होने दें। लालच में पड़ने से बचें। किसी भी क्षेत्र में किया गया कोई नया शोध लाभ देगा। ओंखों से सम्बंधित रोग परेशान कर सकते हैं।

पंचम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार पंचम भाव में स्थित सूर्य आपको सदाचारी जीवन जीने की प्रेरणा दे रहा है जिसको आपने जीवन में उचित स्थान भी दिया है। अपनी बुद्धिमत्ता को क्रोध द्वारा दबने न दें अन्यथा आप एक क्रोधी व्यक्ति के रूप में जानें जायेंगे। आप अपनी बुद्धिमत्ता के कारण हाजिरजवाब हैं और इसीलिए लोगों में प्रिय भी हैं। भविष्य में आप एक अच्छे लेखक अथवा परामर्शदाता के रूप में उभर सकते हैं। आपका व्यापार और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े रहेंगे परन्तु विपरीत स्थिति द्वारा; यदि आपका स्वास्थ्य ठीक तो तो व्यापार में कठिनाई और यदि व्यापार ठीक तो स्वास्थ्य में परेशानी। संतान की ओर से भी परेशानियाँ आ सकती हैं। संतान यदि पुत्र है तो सुख एवं समृद्धि आपके जीवन में प्रवेश करेंगी। संतान द्वारा आपके कुल की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कुछ छोटी मोटी समस्याओं के कारण आप विचलित रहेंगे।

छठे भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार छठे भाव में स्थित सूर्य स्पष्ट कर रहा है कि आप अपने शत्रुओं को आसानी से परास्त कर पाएंगे और आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। इस स्थिति के कारण आपके स्वाभाव में कठोरता आएगी। आप तेजस्वी होंगे और महिलायों के प्रति आपकी आसक्ति में वृद्धि होगी। सूर्य की यह स्थिति आपके स्वास्थ्य को कम से कम दो बार अत्यंत प्रभावित करेगी। सामान्यतः आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दूसरों के लिए आपके किए गए कार्य आपको भाग्यवान बनायेंगे। आपके निष्पक्ष निर्णय आपको समाज में प्रसिद्धि दिलाएंगे। नौकरी हो या व्यापार, दोनों में सफलता मिलेगी परन्तु पुत्र के जन्म के बाद इन क्षेत्रों में किया गया परिवर्तन लाभदायक नहीं होगा। आपके मामा अथवा ससुराल के लिए कुछ अहित की आशंका है। जहाँ एक ओर आपकी ननिहाल में कठिनाई आएगी तो वहीँ दूसरी ओर आपके जन्म के पश्चात से ही आपके दादा एवं दादी के स्वास्थ्य में गिरावट बनी रहेगी। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आपको उच्च रक्त चाप, आँखों से सम्बंधित रोग एवं अन्य परेशानियाँ हो सकती है।

सप्तम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार सप्तम भाव में स्थित सूर्य शुभ संकेत नहीं दे रहा है। सूर्य की यह स्थिति आपके स्वभाव को कठोर बना सकती है। आपका स्वाभिमान इतना अधिक न बढ़ जाए कि लोग उसे घमंड समझने लगें। कार्यक्षेत्र में सफलता और उसमे रुचि बने रहने के लिए आपके घर के निकट ही कार्यालय का होना शुभ है। वैवाहिक जीवन में भी जीवन साथी से संबंधों में परेशानी आएगी। यह स्थिति विवाह के पंद्रह वर्षों तक बनी रहती है। आपका आत्मरत स्वभाव आपकी छवि एक स्वार्थी व्यक्ति की बना सकता है। आप किसी विशेष चिंता से घिरे रहेंगे। अपने पारिवारिक संबंधों एवं आर्थिक स्थिति में कठिनाईयों का सामना करेंगे। आपकी बुआ से आपके सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं। सत्ता से जुड़े लोगों अथवा सरकार एवं सरकारी लोगों से भी कष्ट प्राप्त होगा और हानि भी होगी।

अष्टम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में स्थित सूर्य आपको सफलता के साथ कुछ कठिनाइयाँ भी दे सकता है। आप आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में रहेंगे। धन कमाना और बचाना, दोनों ही आपके लिए आसानी से संभव होगा। आपका जीवन सुखमय होगा और आपका कोई कार्य आपको लोगों की दृष्टि में एक नायक के रूप में स्थापित करेगा। सूर्य की यह स्थिति अधिकतर कठिनाइयों को जन्म देती है। कई प्रकार के रोग जैसे पित्त, आँखों के रोग, अत्यधिक चिंता के कारण हृदय रोग, आपको कष्ट दे सकते हैं। आलस्य को अपने जीवन में कोई स्थान न दें, इससे आप अधिक धन अर्जित कर सकेंगे। किसी भी प्रकार के नशे के सेवन से बचें। अपने पिता को आदर और प्यार दें। किसी भी प्रकार के अवैध संबंधों से बचें। ध्यान रखिये कि आपके निवास स्थान का मुंह दक्षिण की ओर न हो।

नवम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार नवम भाव में स्थित सूर्य आपके स्वभाव में परोपकारिता एवं सदाचार का गुण देता है। आपको लम्बी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। अपने परिवार से आप बहुत प्यार करते हैं परन्तु अपने पिता से आपके सम्बन्ध थोड़े खराब हो सकते हैं। आप किसी भी स्थिति का नेतृत्व करने में पूरी तरह सक्षम हैं। अपने गृहस्थ जीवन में आप योग एवं तपस्या को अधिक महत्व देंगे। अपनी साधना द्वारा आप अपने अन्दर छुपी क्रूरता को मिटा कर एक सुखमय जीवन व्यतीत करेंगे। आपका जीवन समृद्ध होगा जिसमे कई प्रकार के वाहन एवं नौकर चाकर आदि का सुख प्राप्त होगा। आपकी रुचि ज्योतिष विद्या, कानून अथवा उससे जुड़े संस्थानों आदि में हो सकती है। सूर्य की यह स्थिति आपको उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायक होने के साथ साथ विदेश यात्रा का योग भी प्रदान करेगी। अपने पुत्रों की ओर से आपको चिंता घेर सकती है।

दशम भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार यहाँ स्थित सूर्य आपको बहुत लाभकारी एवं हितकर परिणाम देगा। एक ओर यह आपको बुद्धिमान, विद्वान, और प्रसिद्ध बनाएगा वहीँ दूसरी ओर आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के साथ साथ आप लोगों का नेतृत्व अच्छी तरह से कर सकेंगे। आप किसी न किसी प्रकार सरकार का अंग बनेंगे फिर चाहे किसी उच्च पद की प्राप्ति द्वारा या फिर किसी सम्मान की प्राप्ति द्वारा। आपका जीवन ऐश्वर्य से भरा होगा और साथ ही आपके चरित्र की उदारता आपको लोगों के बीच प्रसिद्ध बनायेगी। आपके पिता के साथ आपके प्रेम भरे सम्बन्ध होंगे। सूर्य की यह स्थिति आपको नकारात्मक सोच प्रदान करेगी जिसके कारण आपकी माता को आपकी ओर से कष्ट हो सकता है। समय के साथ आपकी अपनों से दूरी बढती जाएगी। आपका जीवन बाईस से सत्तर वर्ष की आयु के बीच अत्यंत सुखमय और ऐश्वर्यपूर्ण होगा।

एकादश भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार एकादश भाव में स्थित सूर्य आपको हर क्षेत्र में शुभ परिणाम देगा। आप धनवान, स्वाभिमानी, बलवान, सदाचारी एवं सुखी हो सकते हैं। आप कम बोलना पसंद करते हैं एवं आपका गृहस्थ जीवन भी तपस्या और योग से भरा है। आपके शत्रु कभी आपके सामने नहीं टिक पाएंगे। सूर्य की यह स्थिति आपको धन का लाभ देगी जिसके द्वारा आपकी महत्वाकांक्षा की पूर्ती भी होगी। आपका जीवनसाथी सुदर एवं आकर्षक होगा। आपके मित्र हों या फिर कोई बड़े अधिकारी सभी से आपको समर्थन एवं लाभ की प्राप्ति होगी। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो एक ओर आप पेट के रोगों से पीड़ित रहेंगे तो वहीँ दूसरी ओर संतान की संख्या में कमी हो सकती है। शाकाहारी बनकर आप स्वयं को और अपनी संतान दोनों को किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं। आपकी माता को किसी प्रकार का कष्ट हो सकता है परन्तु आपके मामा एवं ननिहाल को किसी प्रकार का लाभ होगा।

द्वादश भाव में स्थित सूर्य का फल

आपकी कुंडली के अनुसार द्वादश भाव में स्थित सूर्य स्पष्ट कर रहा है की यह स्थिति आपके लिए शुभ नहीं है। किसी भी प्रकार के धर्मार्थ एवं परोपकारी कार्यों को करना आपके लिए अत्यंत शुभ रहेगा। अपने जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए आप दवाओं, रसायन शास्त्र अथवा मनोविज्ञान जैसे क्षेत्रों को आज़मा सकते हैं। प्रारंभ में आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जिससे आपके आत्मविश्वास को धक्का लगेगा परन्तु निरंतर प्रयास आपको सफलता दिलाएंगे। आपके भाई बहनों के लिए उनके कार्यक्षेत्र में सफलता के योग हैं परन्तु संतान पक्ष की ओर से चिंता की स्थिति रहेगी। आपकी आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह प्रभावित होगी। विदेश यात्रा अथवा विदेश में निवास करने के संकेत मिल रहे हैं। आपके पिता से आपके सम्बन्ध कटु हो सकते हैं। अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपको बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ेगा।