राहु ग्रह और ज्योतिष - राहु ग्रह का आपकी कुंडली पर प्रभाव

प्रथम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार प्रथम भाव में स्थित राहु अनुकूल और प्रतिकूल, दोनों प्रकार के फल प्रदान करेगा। आप आर्थिक रूप से बहुत अच्छी स्थिति में रहेंगे। किसी और का धन भी आप उपयोग कर सकते हैं और दूसरों को भी उस धन से लाभ पहुँचाने का प्रयास करेंगे। आप अपने जीवन में श्रेष्ठता प्राप्त करने में सफल होंगे। आपका स्वभाव विनम्र, परोपकारी, धैर्यपूर्ण होगा। आपकी प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। आप बहुत साहसी हैं। शिक्षा में अधिक रुचि न होने के बाद भी आप अपनी बुद्धिमानी और व्यवहार कुशलता के कारण अपना काम दूसरों से सरलता से करवा पाएंगे। अपने कही हुई बात को आप पूरा करना जानते हैं। राहु के अशुभ परिणामों के रूप में आपके स्वभाव में शक की आदत उत्पन्न हो सकती है। आपकी छवि लोगों में ख़राब हो सकती है क्योंकि आप उनपर अपना नियंत्रण बनाना चाहेंगे। यहाँ स्थित राहु आपको भ्रमित स्थिति में ले जाता है जहाँ आप अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा समझ सकते हैं। आप कभी स्वस्थ तो कभी अस्वस्थ रह सकते हैं।

द्वितीय भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार द्वितीय भाव में स्थित राहु मिश्रित फल मिलने के संकेत दे रहा है। किसी राजा अथवा सरकार के द्वारा आप को धन मिलने के संकेत मिल रहे हैं और आप आर्थिक रूप से भी बहुत मज़बूत रहेंगे। विदेश में भी धन कमाने के अवसर मिलेंगे। आपको लोगों का विश्वास प्राप्त होगा फिर चाहे आप उसपर खरे उतरें या नहीं। अपने जीवन में आपको सम्मान, ख्याति, और सुख बहुत मिलेगा। आपके शत्रु कभी भी आपके सामने नहीं टिक पाएंगे। आप एक व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं। आपको घूमना फिरना अच्छा लगता है। राहु के दुष्प्रभाव के कारण आपके अन्दर अकारण बोलना, झूठ बोलना, वाणी में दोष, किसी अखाद्य एवं अपेय का सेवन, व्यर्थ धन ख़र्च करना, अपनी पैतृक संपत्ति को क्षति पहुँचाना, आदि दोष उत्पन्न होंगे। कोई भी कार्य बिना व्यवधान के संपन्न नहीं हो सकेगा। संतान की संख्या भी अधिक नहीं होगी।

तृतीय भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार तृतीय भाव में स्थित राहु स्पष्ट कर रहा है कि आपके सभी दुःख और अनिष्ट का नाश होगा। आप स्वभाव से चंचल, मित्रता को महत्त्व देने वाले, विवेकपूर्ण, और साहसी होंगे। आपमें बल, बुद्धि, पराक्रम, आदि का समावेश होगा। आप भाग्यवान होने के साथ साथ विद्वान और बलवान भी होंगे। आपको समाज में बहुत प्रतिष्ठा, यश, और कीर्ति प्राप्त होगी। दान पुण्य करना, यात्राओं पर जाना आपको अच्छा लगता है। सबको सम्मान और आदर देना, सबसे समान व्यवहार करना, और शुद्ध विचारों को सबके सामने रखना आप जानते हैं। अपने उद्योग में भी आप ख़ूब नाम कमाएंगे। आप एक प्रतापी व्यक्ति होंगे और आपको नौकर चाकर, वाहन आदि सभी का सुख मिलेगा। आपका भाग्य आपका साथ देगा और बिना अधिक प्रयत्न किये आपको अपना सभी लक्ष्य प्राप्त हो पाएंगे। आप निरोगी जीवन जी पाएंगे। राहु के दुष्प्रभाव के चलते आपके अन्दर अभिमान, आलस्य, और शंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं। अपने भाइयों के साथ संबंध न बिगड़ने दें अन्यथा हानि हो सकती है।

चतुर्थ भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार चतुर्थ भाव में स्थित राहु संकेत दे रहा है कि आपको मनोस्थिति स्थिर रहेगी। आप एक साहसी व्यक्ति होंगे। अपनी माता का असीम प्रेम आपको प्राप्त होगा। सरकारी माध्यम से अथवा किसी राजा की कृपा द्वारा अथवा राजसत्ता द्वारा बहुत लाभ मिलने के संकेत मिल रहे हैं। अपने जन्मस्थान से दूर रहना पड़ सकता है। अधिकतर विदेश में रहने के अवसर मिलेंगे। घूमना फिरना आपको अच्छा लगता है। विभिन्न प्रकार के वस्त्रों और आभूषणों का सुख प्राप्त होगा। दो विवाह होने की सम्भावना यहाँ स्थित राहु के कारण प्रबल दिखाई दे रही है। जीवन साथी द्वारा आपको हर परिस्थित में पूर्ण सहयोग मिलेगा। ३६वें से ५६वें वर्ष तक आपका भाग्य बहुत चमकेगा। यहाँ स्थित राहु के कारण आपकी सफलता में बाधाएं आ सकती हैं। नौकरी हो या किसी व्यापार में साझेदारी, दोनों में शुभ परिणाम मिलेंगे। पुत्रों की संख्या पुत्रियों की अपेक्षा कम होगी। राहु के दुष्प्रभाव के कारण सारे सुख साधन होने के उपरान्त भी आपका मन विचलित रहेगा। मानसिक अशांति भी आपको कष्ट दे सकती है।

पंचम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार पंचम भाव में स्थित राहु आपको ख्याति प्राप्त करने में सहायक होगा। आप बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हैं। आप कभी भी परिश्रम करने से घबराते नहीं हैं। दयाभाव आपके जिवन का महत्वपूर्ण अंग है। यदि आप अपना व्यवसाय किसी कम्पनी के रूप में करना चाहते हैं तो सफलता मिलने के शुभ संकेत मिल रहे हैं। आप बहुत भाग्यशाली हैं और भाग्य हमेशा आपको हर कठिन परिस्थिति से बचाता है। आप विभिन्न शास्त्रों का ज्ञान अर्जित करने में सफल हो पाएंगे। लेखन के क्षेत्र में आप बहुत योग्य सिद्ध होंगे। पहली संतान के रूप में आपको पुत्री की प्राप्ति होने के संकेत मिल रहे हैं। इस स्थिति में उपस्थित राहु अनेकों अशुभ परिणाम भी देता है। आप मानसिक रूप से भ्रमित स्थिति में रह सकते हैं। आप किसी ग़लत मार्ग का चयन कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। धन अर्जित करना कठिन हो जाता है और व्यर्थ ख़र्चे बढ़ जाते हैं। संतान को कठिनाइयाँ उठानी पड़ सकती हैं और आपको पुत्र प्राप्ति में भी बाधाएं आ सकती हैं। आपके जीवन साथी को भी कोई परेशानी हो सकती है। चिन्ताएं आपको घेर सकती हैं। स्वास्थ्य को बगाड़ने के लिए उदररोग जैसे गैस, शूल आदि और मन्दाग्नि रोग हो सकते हैं. विद्या ग्रहण करने में आपकी रुचि कम होने की सम्भावना है।

छठे भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार छठे भाव में स्थित राहु आपके जीवन में आने वाले अनिष्ट और अरिष्ट दोनों के लिए समाधान प्रदान करता है। आपका पराक्रम, साहस और शक्ति अतुलनीय होगी। बड़े से बड़े काम करने में भी डरेंगे नहीं। आपके जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर होती चली जाएँगी। आपके अन्दर बुद्धि, धैर्य, मन की स्थिरता और उदारता की कोई कमी नहीं होगी। आपके शत्रु कभी भी आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे। प्रसिद्धि और राजाओं जैसे अधिकारों की प्राप्ति होगी। दूसरे धर्म के लोग हों या फिर सरकार सभी से लाभ मिलेगा और धन की प्राप्ति भी होगी। आपके पास बहुत धन हो सकता है। आप बहुत भाग्यवान होंगे और आपको जीवन में वाहन, वस्त्र, आभूषण आदि का भरपूर सुख मिलेगा। जीवन साथी भी बहुत भाग्यवान और अच्छा होगा। आपकी आयु लम्बी होगी। राहु के अशुभ फलों के कारण आपको कोई रहस्यमयी बीमारी कष्ट दे सकती है। आपके मामा, मौसी अथवा चाचा की ओर से चिन्ताएं घेरेंगी। आपकी संगति बुरी होने की सम्भावना भी दिख रही है। आपकी नौकरी में भी बाधाएं उत्पन्न होंगी।

सप्तम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार सप्तम भाव में स्थित राहु संकेत दे रहा है कि अधिकतर सभी कार्यों में प्रतिकूल फल प्राप्त होंगे। आपकी नौकरी संतोषजनक फल देगी तो व्यवसाय से भी अच्छे फल मिलेंगे। आप स्वतंत्र रहकर कार्य करना पसंद करते हैं। आप प्रत्येक कार्य करने में निपुण, चतुराई से काम लेने वाले, और घूमना फिरना पसंद करने वाले व्यक्ति होंगे। आपका धर्म की ओर झुकाव आपको लाभ पहुंचाएगा। आपका विवाह या तो बहुत जल्दी हो जायेगा या बहुत विलम्ब से हो सकता है। जीवनसाथी से आपके अच्छे और प्रेमपूर्ण सम्बन्ध रहेंगे। राहु के दुष्प्रभाव के कारण आपको अच्छाई के बदले बुराई ही हाथ आएगी। आपका कद भी कम रह सकता है। आपके स्वभाव में क्रोध, घमंड, असंतोष, झगडा करना, उग्रता आदि का वास होगा। बुरे व्यक्तियों के साथ संगति और संबंधों के चलते आप अच्छे लोगों के लिए कष्ट का कारण बन सकते हैं। जीवनसाथी से मनमुटाव अथवा दांपत्य जीवन में कष्ट झेलना पड़ेगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। लालच और व्यर्थ घूमना फिरना आपके लिए उचित नहीं रहेगा।

अष्टम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में स्थित राहु आपको समाज में आदर, सम्मान और प्रशंसा दिलाएगा। आप एक धनवान व्यक्ति होंगे परन्तु व्यर्थ धन ख़र्च करने से बचें। अपने कार्यों को श्रेष्ठता के साथ पूर्ण करना आपके स्वभाव में है। उच्च पदों पर नियुक्त व्यक्तियों जैसे राजा, कोई सरकारी व्यक्ति, और पंडित आदि से भी आपको बहुत आदर प्राप्त होगा। गाय पालने में रुचि होने के चलते आपको कभी भी पशुधन की कमी नहीं होगी। आपके पास स्वयं को लेकर पूर्वानुमान लगाने की शक्ति होगी। बुढ़ापे में सुखी जीवन के संकेत मिल रहे हैं। जन्म स्थान में कम और विदेशों में रहने के अवसर अधिक मिलेंगे। आपकी आयु के २६वें से ३६वें वर्ष में भाग्य आपका पूर्ण रूप से साथ देगा। आप शारीरिक रूप से भी बलवान होंगे। राहु के दुष्प्रभाव के कारण आलस्य आपको घेरेगा। जल्दबाज़ी और वाचालता के कारण आपके हाथों कुछ असामाजिक और अधार्मिक कार्य हो सकते हैं। धन संचय करने में कठिनाइयाँ आएँगी। पैतृक संपत्ति की हानि हो सकती है। अपने भाई बंधुओं द्वारा आपके जीवन में कष्ट आ सकते हैं।

नवम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार नवम भाव में स्थित राहु आपके स्वभाव में कृपा, दया, और धार्मिकता का विकास करता है। आपके गुणों और ज्ञान के कारण लोग आपको बहुत आदर देंगे। तीर्थाटन एवं अन्य प्रकार की यात्राओं पर जाना आपको अच्छा लगता है। आपकी इश्वर में बहुत श्रद्धा है और दान पुण्य करना भी आपके जीवन का अंग है। परिश्रम करने से आप कभी पीछे नहीं हटते और अपने सभी कार्य पूर्ण करते हैं। आपकी चतुराई आपको लोगों के बीच सम्मान और आदर दिलाएगी। अपने बड़ों के बताये मार्ग पर चल कर आप जीवन में यश और सफलता प्राप्त करेंगे। अपने ऊपर उपकार करने वाले व्यक्ति को आप सदा याद रखते हैं। आपको समाजसुधार एवं जग कल्याण से जुड़े कार्य करना बहुत पसंद है। राहु के अशुभ प्रभाव के कारण आपकी धार्मिक श्रद्धा पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आपका झुकाव अनैतिक कार्यों की ओर हो जाता है। अपनी स्थिति सधारने के लिए ढोंग करने से बचें, भाई बंधुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाएं, और स्वच्छ और अच्छे वस्त्र पहनें।

दशम भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार दशम भाव में स्थित राहु आपको यश, सफलता, बुद्धिमत्ता, उच्च पद, श्रेष्ठता आदि की प्राप्ति कराएगा। आप निडर और गर्वीले व्यक्ति होंगे। राहु आपके भीतर घमंड उत्पन्न होने से रोकेगा। शत्रुओं की संख्या कम होगी और उनपर विजय भी प्राप्त होगी। परोपकार करना आपके जीवन का अंग है। उच्च पद के रूप में आप किसी नगर, गाँव या समूह के अधिकारी, कोई मंत्री आदि हो सकते हैं। यज्ञ एवं गंगा स्नान का लाभ भी आपको मिलेगा। आपकी रुचि काव्य क्षेत्र, लेखन एवं संपादन के क्षेत्र में हो सकती है। यहाँ स्थित राहु आपको व्यापार में निपुणता एवं अदालती कार्यों में सफलता मिलने के संकेत दे रहा है। आपको अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। पुत्रों की संख्या कम होने की सम्भावना है। राहु के अशुभ फल के कारण आरम्भ में कष्ट का सामना करना होगा परन्तु उसके बाद सफलता मिलेगी। घमंड और नशे को अपने जीवन से दूर कर दें। अपने कार्यों को सही रूप में पूर्ण करें और आलस्य एवं उत्साहहीनता से बचें।

एकादश भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार एकादश भाव में स्थित राहु आपके जीवन में आने वाले अरिष्टों का नाश करता है। आप विद्वान, परिश्रमी, धनवान, दीर्घायु, शास्त्रज्ञानी, मधुरभाषी, और समृद्ध व्यक्ति होंगे। आपका झुकाव कविताओं की ओर हो सकता है। आपका जीवन विलासपूर्ण और अनेकों प्रकार के भोगों से भरा होगा। आपका व्यक्तित्व आकर्षक और स्वभाव चंचल और विनोदी होगा। आपके भीतर अपनी इन्द्रियों को वश में करने की पूर्ण क्षमता है। अपने जीवनकाल में आपको यश एवं प्रतिष्ठा की कोई कमी नहीं होगी। मित्रों के रूप में आपको चतुर लोग मिलेंगे। धन अर्जित करने के लिए सही मार्ग का चयन करें अन्यथा संतान से सम्बंधित कोई कष्ट हो सकता है। आपके लिए विदेशियों द्वारा धनलाभ संभव है। वाहन सुख की भी प्राप्ति होगी। व्यर्थ विवादों से बच कर आप अपनी उर्जा को बचाने के प्रयत्न करें। अभिमान को जीवन में कोई स्थान न दें।

द्वादश भाव में स्थित राहु का फल

आपकी कुंडली के अनुसार द्वादश भाव में स्थित राहु आपके स्वभाव में परोपकार, व्यव्हार कुशलता, साधुता, उदारता, आदि का विकास करता है। आप महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और साथ ही ऊँचे आदर्शों का पालन करते हैं। आपका पराक्रम और यश चारों ओर फैलेगा। आपका परिश्रम आपको सुखी जीवन व्यतीत करने में बहुत सहायक होगा। अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए एक जगह टिक बैठने का प्रयास करें। संभवतः आपके प्रयास शुभ फल न दें परन्तु समय के साथ शुभफल मिलने लगेंगे। आपके शत्रुओं को पराजय का मुख देखना होगा। आप सहजता से आध्यात्म का ज्ञान पा सकेंगे। वेदों आदि में आपकी रुच होना संभव है। आजीविका के लिए आपको कहीं दूर जाना पड़ सकता है। सार्वजानिक संस्थानों से भी आपको बहुत लाभ मिल सकता है। जन्मस्थान से अधिक लाभ की प्राप्ति नहीं होगी और सफलता के लिए बाहर ही जाना होगा। धन व्यय अधिक होने के संकेत मिल रहें हैं। अपने जीवन में छल, विवेकहीनता, दुष्कर्मों, बुरे विचारों आदि को कभी भी स्थान न बनाने दें।